तुम मेरे हो ?

जब अपने आस पास की दुनियां को देखती हूँ तो सोचती हूँ कि

कैसे कोई भुला देता है किसी इंसान को,,,,इतना जल्दी

और भला मैं क्यों नहीं हूँ इतनी काबिल कि

भुला सकूँ तुम्हें ,,,, इतने वक़्त बाद भी

यूँ तो तुम्हें याद रखने की कोई वजह नहीं है मेरे पास

पर तुम्हें भूलने का कोई बहाना मिले ,,,,,तो बात बने

तुमसे जुड़ी सारी निशानियाँ मिटा दी है मैंने

पर तुम्हारे लिए धड़कती ये धड़कन रुक जाये ,,,,तो बात बने

पता है ?

तुम्हें भूलने की लाखों मुक़म्मल कोशिशें की है मैंने

पर तुम ,,, मेरी सबसे बुरी आदत हो IMG-20170623-WA0006

तुम्हारे बिना बस यही सोचना की

क्या तुम अब भी वैसे ही होगे ?

क्या वही नादानियाँ होंगी ?

क्या वो आँखें अब भी दिल चुराती होंगी ?

और ,, क्या ये पगली तुम्हें कभी याद आती होगी ?

यही सारी बेवकूफियां हैं मेरे पास

तुम्हें ना भूल पाने की

पर अब मैं इतनी कायम हो गयी हूँ कि

तुम ता_उम्र ना दिखो फिर भी

मैं तुम्हारी रहूंगी

……

 

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