… वो हैं मेरे पापा …

जब जन्म लिया मैंने तो सबसे कीमती चीज़ जो मुझे मिली

जिससे थी  मैं बेखबर

जो मनाये जा रहा था मुझे पाने की खुशियाँ

‘वो हैं मेरे पापा ‘

जो मैं दुनियां में आई ,मेरी पहली हंसी के इंतजार में

मुझसे एक बार पापा सुनने को जो थे आतुर

मुझे अपने कंधे पर बैठा कर सारा जहाँ घुमाने को जो थे बेचैन

‘वो हैं मेरे पापा ‘

जब मैंने चलना चाहा ,तो कहीं गिर ना जाऊ इस डर से

हमेसा अपना हाथ आगे कर देने वाले

मेरे हर आंसू को आँख में आने से पहले भाप लेने वाले

‘वो हैं मेरे पापा ‘

इधर मैं बड़ी हो रही थी उधर, मेरे खुद से दूर हो जाने के डर से जो थे बेचैन

जब माँ ने कहा कि,”अब जाएगी ये पढ़ने” तब , “अभी ये हैं ही कितनी बड़ी “कह कर मेरा साथ देने वाले

‘वो है मेरे पापा ‘

ऑफिस से घर आने पर जिसकी नज़रे ढूढ़ने लगती अपनी बिटिया को

10 मिनट जो मैं ना बोलू तो ,”अब तुम्हे क्या हो गया “ये कहने वाले

‘वो हैं मेरे पापा ‘

मुझे पढ़ाया ,मेरा सपना पूरा किया ,अब इतनी बड़ी हो चली मैं कि छूटने वाला है पापा का घर

उस शक्श को खोजने के लिए परेशां, जो ले जायेगा मुझे उनसे दूर

रखेगा उनके जैसा ही मेरा ख्याल

मेरे जाते जाते भी मेरी दुनियां को जो चाँद तारों से सजा देना चाहते थे

‘वो है मेरे पापा ‘

अब एक पिता को मैं क्या लिखूं ! ,जिसने मेरी हर इच्छा पूरी की

जो चाहे 12 बजे दिन में घर आये या 12 बजे रात को अपनी बेटी को ढूढती जिसकी नज़र

जिसने दुनियां की लाख बातें सुनी हो पर बिटियाँ को अपने ,,ज़माने की हर बुरी नज़र से बचाए

अब एक पिता को मैं क्या लिखू !

जिसने मुझे जीना सिखाया

इस जालिम दुनियां में खुद की पहचान बनाना सिखाया ….

<<<<<<<<<<<जिसने मेरे जन्म पर मुझे अपना नाम दिया

ए_खुदा तूने भी मेरे जन्म पर मुझे क्या खूब इनाम दिया >>>>>>>>>>>

‘वो हैं मेरे पापा ‘

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@shivangee70

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