आज शुरू करती हूँ वो कहानी
जो ज़रूरी है दुनिया को बतानी
………तेरी मेरी कहानी
मिले दो अलग फिज़ा के परिंदे एक ही आस्मां पर ,,
एक दुसरे से बिलकुल जुदा
टकरा गए तो यूँ लगा ,,अब तक क्यों नहीं मिले थे हम ,,,,
फिर शुरू हुआ दौर जान पहचान का ,,,
धीरे-धीरे दोनों एक दुसरे के दिल में उतरने लगे ,,,
लगा यूँ कि क़ायनात मिला रही थी दोनों को
पर ये क्या हुआ ????????????????
एक परिंदा अपनी आज़ादी नहीं खोना चाहता था
ना वो तुम्हे खोना चाहता था ,,,
और ना ही वो अपने उस आसमान को खोना चाहता था,,
जहाँ से उसने सीखी थी जीवन की उड़ान
नहीं खोना चाहता था उसे ,,,,, जिसने उसे बनाया था उड़ने के क़ाबिल
फिर परेसान सा रहने लगा वो
लगा उसे कि मैं तो हूँ इतना मजबूर कि
ना जहाँ छोड़ सकता हूँ अपना और
ना उसे, जो मेरे लिए अपना पूरा आसमान छोड़ने को तैयार खड़ा हैं
इसलिए फिर उसने किया तय कि
वो भर देगा खुद के खिलाफ़ इतनी नफ़रत दिल में उसके
कि वो भूल ही जाये की मिला था कोई इश्क़ कि फिज़ा में
दुःख तो तुझे बहुत होगा,,,
पर खुश हम भी ना होंगे जब
उसी दिल को दर्द देंगे जिसके साथ अपनी भी धड़कन जुड़ी हो ….
पर हम ना सही तो क्या हुआ ,,,,????
…….मिलेगा कोई और ही तुझे इस आसमान में
…………….जो देगा तेरा साथ तेरी हर उड़ान में
इसलिए मैं छोड़ जा रहा हूँ अपने हिस्से का आसमान
ताकि मिल जाये तुझे कोई ऐसा
जिसके पंखो में हो इतनी ताक़त ,,,,,
कि तू भूल ही जाये मुझे उसकी बराबरी करते करते ,,,
…………..ये था एक परिंदा
कौन परिंदा है बे
LikeLiked by 1 person
ek main hu,,aur ek koi anjaan
LikeLike
अच्छा लिखती हो थोडा वजन की कमी है शब्दों में
LikeLike
थैंक्स फॉर कोम्प्लेमेंट्स …….
LikeLiked by 1 person
pls read my next post,,,my friendship day,,,,phir bataiyega jarur mere sabdo ki taqat
LikeLike
Nice one Shivangee 😊
LikeLiked by 1 person
thanks u soo much,,,aapne padha
LikeLike
Yup
LikeLike